पुलिस कमिश्नर की छवि को धुमिल कर रहा है, जिला द्वारका कार्यालय!
दिल्ली में राकेश अस्थाना ने जब पुलिस कमिश्नर का पद भार संभाला, जोकि पहले सीबीआई में स्पेशल डायरेक्टर रह चुके हैं। तब उम्मीद जगी थी कि यह तेज़तर्रार अधिकारी पुलिस की गिरती छवि को सुधारने के लिए अवश्य कुछ करेगा और वही हुआ। राकेश अस्थाना ने सालों से एक ही थाने में जमे हुए पुलिसकर्मियों का ट्रांसफर करना शुरू कर दिया, जिनका प्रमोशन रूका हुआ था, उनके लिए रास्ता खोला, जो लंबी डियूटी के कारण छुट्टियां न मिलने से परेशान होकर अवसाद में जा रहे थे, उनके लिए आसान नियम बनाए। लेकिन भ्रष्ट कार्यशैली में लिप्त अधिकारियों और कर्मचारियों को यह नागवार गुज़र रहा है। सर्वविदित है कि पुलिसिया दमन और भ्रष्टाचार पुलिस विभाग की छवि को धुमिल करता है और सालों एक ही स्थान (थानों) पर पुलिसकर्मियों के जमे रहने के कारण, इनकी जड़े गहरी होती जाती हैं। जिसे बाद में उखाड़ फेंकना मुश्किल हो जाता है। कई दफा इसकी कीमत पुलिस विभाग को अपनी छवि गिराकर चुकानी पड़ती है। ऐसा ही एक मामला दिल्ली के जिला द्वारका के थाना, सेक्टर-23 का प्रकाश में आया है। गोपनीय सूत्रों के अनुसार कांस्टेबल सुरेन्द्र कुमार (नंबर-1094/डीडब्लू/पीआईएस नं